तमित प्रुछन्ति न सिमो वि प्रुछन्ति स्वेनेव धीरो मनसा यदग्रभीत |
न मृष्यते प्रथमं नापरं वचो ऽ स्य क्रत्वा सचते अप्रद्र्पितः ||
साधारण व्यक्ति प्रश्न नही पूछता (ज्ञान पाना नही चाहता). ज्ञानी ही जिज्ञासा प्रकट करता है | धैर्यवान मनुष्य कर्म को समय से पहले कर देते है | वो किसी के कथन को अनावश्यक महत्व नही देते | अहंकार से रहित मनुष्य ही ज्ञान को प्राप्त करता है ||
Ordinary people do not ask questions (do not show interest to learn). The intelligent people show interest to learn. Those who have patience complete the task before time. They do not give undue importance to what others say. Those who are devoid of false ego can acquire knowledge.
न मृष्यते प्रथमं नापरं वचो ऽ स्य क्रत्वा सचते अप्रद्र्पितः ||
साधारण व्यक्ति प्रश्न नही पूछता (ज्ञान पाना नही चाहता). ज्ञानी ही जिज्ञासा प्रकट करता है | धैर्यवान मनुष्य कर्म को समय से पहले कर देते है | वो किसी के कथन को अनावश्यक महत्व नही देते | अहंकार से रहित मनुष्य ही ज्ञान को प्राप्त करता है ||
Ordinary people do not ask questions (do not show interest to learn). The intelligent people show interest to learn. Those who have patience complete the task before time. They do not give undue importance to what others say. Those who are devoid of false ego can acquire knowledge.
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rohit