Sunday, 6 October 2013

ईश्वर एक नाम अनेक God is one with diverse names

ईश्वर एक नाम अनेक
ऋग्वेद कहता है कि ईश्वर एक है किन्तु दृष्टिभेद से मनीषियों ने उसे भिन्न-भिन्न नाम दे रखा है । जैसे एक ही व्यक्ति दृष्टिभेद के कारण परिवार के लोगों द्वारा पिता, भाई, चाचा, मामा, फूफा, दादा, बहनोई, भतीजा, पुत्र, भांजा, पोता, नाती आदि नामों से संबोधित होता है, वैसे ही ईश्वर भी भिन्न-भिन्न कर्ताभाव के कारण अनेक नाम वाला हो जाता है । यथा-

जिस रूप में वह सृष्टिकर्ता है वह ब्रह्मा कहलाता है ।

जिस रूप में वह विद्या का सागर है उसका नाम सरस्वती है ।

जिस रूप में वह सर्वत्र व्याप्त है या जगत को धारण करने वाला है उसका नाम विष्णु है ।

जिस रूप में वह समस्त धन-सम्पत्ति और वैभव का स्वामी है उसका नाम लक्ष्मी है ।

जिस रूप में वह संहारकर्ता है उसका नाम रुद्र है ।

जिस रूप में वह कल्याण करने वाला है उसका नाम शिव है ।

जिस रूप में वह समस्त शक्ति का स्वामी है उसका नाम पार्वती है, दुर्गा है ।

जिस रूप मे वह सबका काल है उसका नाम काली है ।

जिस रूप मे वह सामूहिक बुद्धि का परिचायक है उसका नाम गणेश है ।

जिस रूप में वह पराक्रम का भण्डार है उसका नाम स्कंद है ।

जिस रूप में वह आनन्ददाता है, मनोहारी है उसका नाम राम है ।

जिस रूप में वह धरती को शस्य से भरपूर करने वाला है उसका नाम सीता है ।

जिस रूप में वह सबको आकृष्ट करने वाला है, अभिभूत करने वाला है उसका नाम कृष्ण है ।

जिस रूप में वह सबको प्रसन्न करने, सम्पन्न करने और सफलता दिलाने वाला है उसका नाम राधा है ।

लोग अपनी रुचि के अनुसार ईश्वर के किसी नाम की पूजा करते हैं । एक विद्यार्थी सरस्वती का पुजारी बन जाता है, सेठ-साहूकार को लक्ष्मी प्यारी लगती है । शक्ति के उपासक की दुर्गा में आस्था बनती है । शैव को शिव और वैष्णव को विष्णु नाम प्यारा लगता है । वैसे सभी नामों को हिन्दू श्रद्धा की दृष्टि से स्मरण करता है ।

God is one with diverse names
Rig-Veda declares, “One alone exists, sages call it by various names” (1-164-46). God is our father. God is our mother. God is our brother. God is our friend. God is knowledge. God is wealth. God is strength. That is everything. That prevails in everything. Having many attributes and many aspects God has many names. Some popular names of Supreme Being are given below-

Brahma


Being the Creator of the world.

Vishnu

Being the Sustainer of the world.

Mahesh

Being the Destroyer of the world.

Shankar / Shiva


Being the Cause of benediction and propitious results.

Saraswati


Being the Repository of knowledge and learning.

Laxmi

Being the Real Owner of all Wealth and Riches.

Parvati / Durga / Shakti

Representing strength, potency and energy of the world.

Kali

Being the Cause of death.

Ganesh

Representing collective wisdom.

Ram

Being the bestower of bliss and happiness.

Sita

Being the Cause of full crops and verdure.

Krishna

Being attractive and subjugating.

Radha

Giver of delight, prosperity and success.

Thus a student may seek the blessings of Saraswati; an aspirant of wealth may worship Laxmi; a person seeking physical and mental strength may adore Durga and someone craving for personal welfare may be devotee of Shiva.

The words Saraswati, Laxmi, Kali, Parvati, Shakti, Sita and Radha are used in feminine gender and represent the mother content of God. So these names are called after adding the words ‘Goddess, Mother Goddess, ‘Devi’ or ‘Mata’ in adoration. In other theistic religions, God almighty is considered as our Supreme Father but not as Supreme Mother. Thus giving attributive names to God Almighty and seeing fatherhood and motherhood both in Supreme Being are distinct features of Hinduism.

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rohit